वन वन भटके राम अपनी सिया को प्राण पिया को पग पग ढूंढे राम
वन वन भटके राम, वन वन भटके राम।। चौपाई - आश्रम देखि जानकी हीना। भए बिकल जस प्राकृत दीना।। ...
Read moreDetailsवन वन भटके राम, वन वन भटके राम।। चौपाई - आश्रम देखि जानकी हीना। भए बिकल जस प्राकृत दीना।। ...
Read moreDetailsवन वन डोले लक्ष्मण बोले, मेरे भ्राता करो विचार रे, अब कौन चुराई मात सिया।। तर्ज - मन डोले मेरा ...
Read moreDetailsघर आये राम लखन और सीता, अयोध्या सुन्दर सज गई रे, सुन्दर सज गई रे अयोध्या, सुन्दर सज गई रे, ...
Read moreDetailsराम सीता और लखन वन जा रहे, हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे, राम सीता और लखन वन जा रहे।। ...
Read moreDetailsकण कण में तेरा जलवा, कुदरत का इशारा है, तारो में चमक तेरी, चंदा में नजारा है।। जबसे मेरे गुरुवर ...
Read moreDetailsसतगुरु से डोर अपनी, क्यूँ ना बावरे लगाए, ये सांस तेरी बन्दे, फिर आये या ना आये।। तर्ज - मुझे ...
Read moreDetailsडमरू वाले डमरू बजा, गंगा माँ को धरा पे तू ले आ, सब दुखड़े तू मिटा, डमरू वाले डमरू बजा।। ...
Read moreDetailsदरबार में राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते है, दुनिया से सताए लोग यहाँ, सीने से लगाए जाते है।। ...
Read moreDetailsजब तेरी डोली निकाली जायेगी, बिन मुहूरत के उठा ली जायेगी।। तर्ज - दिल के अरमा आंसुओ में। उन हकीमों ...
Read moreDetailsश्याम जाने जिगर, तूने पहली नजर, जब नजर से मिलाई, मजा आ गया। तर्ज - मेरे रश्के कमर श्याम जाने ...
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