हमें निज धर्म पर चलना सिखाती रोज़ रामायण भजन लिरिक्स
हमें निज धर्म पर चलना, सिखाती रोज़ रामायण, सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज़ रामायण।। जिन्हे संसार सागर से, उतर ...
Read moreDetailsहमें निज धर्म पर चलना, सिखाती रोज़ रामायण, सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज़ रामायण।। जिन्हे संसार सागर से, उतर ...
Read moreDetailsमाँ तेरे दरश का प्यासा हूँ, तु दर्शन दे इक पल के लिये॥ तर्ज़-आवारा हवा का झोंका हूँ माँ तेरे ...
Read moreDetailsदुनिया का बन कर देख लिया, कान्हा का बन कर देख जरा। दुनिया का बन कर देख लिया, कान्हा का ...
Read moreDetailsश्याम दातार से माँगलो प्यार से, तर्ज़-यारो सब दुआ करो। श्याम दातार से, माँगलो प्यार से, नही खाली गया, इनके ...
Read moreDetailsराम कहने से तर जाएगा, पार भव से उतर जायेगा।। उस गली होगी चर्चा तेरी, उस गली होगी चर्चा तेरी, ...
Read moreDetailsजब गाय नहीं होगी, गोपाल कहाँ होंगे, हम सब इस दुनिया में, खुशहाल कहाँ होंगे।। गौ माँ ने सिंघो पर, ...
Read moreDetailsएकली खड़ी रे मीरा बाई एकली खड़ी, मोहन आवो तो सरी, गिरधर आवो तो सरी, माधव रा मंदिर में, मीरा ...
Read moreDetailsमैं देखूँ जिस ओर सखी री, सामने मेरे साँवरिया, मै तो नाचूंगी सांवरिया, मै तो नाचूंगी सांवरिया।। तर्ज - मैं ...
Read moreDetailsकैसे जाऊँ सखी मैं पनियां भरन, देखो कान्हा खड़े है बिरज की ओर।। पनघट पनघट नटवर नागर, राहें चलत मुझको ...
Read moreDetailsकब आयेगा मेरा सांवरियां, जाने कब आयेगा, मुझे अपना बनायेगा, मेरे आँसु पोंछकर, मुझे गले लगायेगा।। थक गये नैन मेरे, ...
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