तीन रूप महामाई विराजी धाम सिरोंज कहाता है
तीन रूप महामाई विराजी, धाम सिरोंज कहाता है, मध्य प्रदेश की पावन धरती, हर कोई शीश झुकाता है।। एक ओर ...
Read moreDetailsतीन रूप महामाई विराजी, धाम सिरोंज कहाता है, मध्य प्रदेश की पावन धरती, हर कोई शीश झुकाता है।। एक ओर ...
Read moreDetailsजाति रो कारण है नहीं संतो, दोहा - नीच नीच सब तर गये, संत चरण लवलीन, जाति के अभिमान में, ...
Read moreDetailsमुझे खुशियाँ मिली, मिट गये सारे गम, मेरे बाबोसा है ये, तेरा रहमो करम।। तर्ज - सांस देना प्रभु इतनी ...
Read moreDetailsभोलेनाथ के सिवा, भला तेरा कौन भला करेगा, काम क्रोध मोह लोभ अहम ना, काम क्रोध मोह लोभ अहम ना, ...
Read moreDetailsजब भी कोई हारेगा, उसे श्याम जिताएगा, जो हार के शरण पड़े, उसे कौन हरायेगा।। तर्ज - एक प्यार का ...
Read moreDetailsजोबनियो जातो रियो, अब आई बुढ़ापा री वार रे, वे दिनड़ा जाता रया अब, आई बुढ़ापा री वार रे।। जन्मयो ...
Read moreDetailsयु तो घाटा में प्रगट पुजाई ये पाट, जोगण जरणी जोग माता, मैया जोगण जरणी जोगमाता, तिलस्वा त्रिवेणी जोगण सिंगोली ...
Read moreDetailsविश्वकर्मा जी री प्राण प्रतिष्ठा, हरजी गांव रे माई, सुथार कुल रा देव कहावो, इति कठे देर लगाई।। घिरत मिठाई ...
Read moreDetailsथाने तो सारो संसार ध्यावे, ओ म्हारा बापजी, रोगिया रा रोग मिट जावे, जो कोई शरणे आवे जी, ओ मेरे ...
Read moreDetailsजय माता काली, मईया जय माता काली, तेरी माया पार नहीं पाया, मात खुडाले वाली।। ऊंचों देवल उजलों भवानी, धजा ...
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