सांची थारी सकलाई जी सांगलपति महाराज
सांची थारी सकलाई जी, सांगलपति महाराज, तुम्हे दुनियां शीश नवाती रे।। तर्ज - पंख होते तो। संत यहा पर धूणी ...
Read moreसांची थारी सकलाई जी, सांगलपति महाराज, तुम्हे दुनियां शीश नवाती रे।। तर्ज - पंख होते तो। संत यहा पर धूणी ...
Read moreमेरे कौल है हर इक चीज़ मायें, बस ईको दिल दी रीझ मायें, इस दुनिया विच, वड्डा शाहुकार बन जावां, ...
Read moreऐ मारो तो रखवालो मारो, तेजा जी महाराज रे, बिन मांग्या मनै सब कुछ दिदो, राखे मारी लाज रे, म्हारो ...
Read moreसारे जग ने खायगी माया, अंग ने घुमाय के।। शिवजी था इक पूरा योगी, जिनकी काया सदा निरोगी, शिवजी की ...
Read moreसुख मिलता है श्याम भजन से, श्यामधणी को रिझालो रे, ऐसा आनंद कहीं न मिलता, सच्चे मन से मनालो रे।। ...
Read moreबाबा तेरी नगरी निराली, जो जाते मनाते है दिवाली, दर से कोई लौटा ना खाली, जो जाते मनाते है दिवाली।। ...
Read moreथाने कर मनुहार मनावा, बरवाड़ा वाली मैया, बरवाड़ा वाली मैया, ओ चौथ मारी मईया, थाने कर मनवार मनावा, ओ चौथ ...
Read moreचांद ने एक दिन मुझसे ये पूछा, भैरु देव तेरे कैसे है, मैं बोला तू देखे तो शर्माए, भैरुदेव मेरे ...
Read moreकांतिसुरी जी रा लाडला, श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज, थाने घणी खम्मा।। तर्ज - थारी जय हो पवनकुमार। नन्दनी खुंदनी ...
Read moreकाटो रोग माँ काली आ दरबार में, खींची चली आ ईन भगतां के प्यार में।। तर्ज - काली कमली वाला। ...
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