पैदल चलकर मंदिर तेरे,
आये भक्त हजार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया,
तुमसे बढ़कर दुनिया में,
ना देखा कोई और जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया,
पैदल चलकर मंदिर तेरें,
आये भक्त हजार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया।।
तर्ज – तुमसे बढ़कर दुनिया में ना।
क्या खूब बाबा का दर है,
स्वर्ग सा मेवा नगर है,
ऊंची नीची पहाड़ियों में रहता है,
आओ मिलकर नाकोड़ा में,
प्यारा सजा दरबार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया,
पैदल चलकर मंदिर तेरें,
आये भक्त हजार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया।।
कलयुग का बाबा अवतारी,
देव बड़ा चमत्कारी,
भक्तो की विपदा पल में टारी,
देवो में ये देव निराला,
पूजे जिन्हें संसार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया,
पैदल चलकर मंदिर तेरें,
आये भक्त हजार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया।।
भैरव बाबा जग में मशहूर है,
त्रिलोक में बाबा का नूर है,
बाबा भैरव हाजरा हजूर है,
“दिलबर” के दिल से है निकले,
भैरव की जयकार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया,
पैदल चलकर मंदिर तेरें,
आये भक्त हजार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया।।
पैदल चलकर मंदिर तेरे,
आये भक्त हजार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया,
तुमसे बढ़कर दुनिया में,
ना देखा कोई और जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया,
पैदल चलकर मंदिर तेरें,
आये भक्त हजार जुबा पर,
आज भैरव नाम आ गया।।
गायक – त्रिलोक मोदी अहमदाबाद।
रचनाकर- दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन म.प्र. मो.9907023365