पैदल पैदल आऊं,
संग साथीड़ा ने लाऊँ,
मारी मैया ये शेर बोले,
ये जंगल झाड़ी गणी।।
पावटिया में गणों पाणी,
गुफा ऊपर धुणी,
मारी मैया ये,
मंडली के सुख छाया गणी।।
फुल माला लावु,
गणा नारेल चडावु,
मारी मैया ये,
जीब चड अटे पहला सुणी।।
पडिया चडतो आवु,
थारे चरणा धोक लगावु,
मारी मैया ये,
पगलया दुकये पीडीया धूज गणी।।
मदारियों दरशवे,
मलज मेवाड दरशावे,
मारी मैया ये,
नीच नालु तो भुण आवे गणी।।
हो मदारिया महाराणी,
माजल मेवाड महाराणी,
मारी मैया ये,
राजु गुर्जर गावे थाने खमा गणी।।
पैदल पैदल आऊं,
संग साथीड़ा ने लाऊँ,
मारी मैया ये शेर बोले,
ये जंगल झाड़ी गणी।।
गायक / प्रेषक – राजु गुर्जर मदारिया।
+916367847839