पल्लो देख ले बिछाके,
खुल रह्यो बाबा को दरबार,
पल्लो देख ले,
खाटू वालो श्याम धणी म्हारो,
लुटा रह्यो भंडार,
पल्लो देख ले,
पल्लो देख ले बिछा के,
खुल रह्यो बाबा को दरबार।।
धन दौलत की कमी पड़े तो,
माँग देख ले बाबा से,
दोनों हाथ लुटावे बाबो,
मेरो लखदातार,
पल्लो देख ले,
पल्लो देख ले बिछा के,
खुल रह्यो बाबा को दरबार।।
बेटा पोता पड़पोता ल्यो,
घणो दयालु श्याम धणी,
जात जडूलो फागण की,
फागण में आओ साथ,
पल्लो देख ले,
पल्लो देख ले बिछा के,
खुल रह्यो बाबा को दरबार।।
सबसे ऊँची दया श्याम की,
किस्मत वालो पावे है,
दयानिधि की दया मिले तो,
हो जाए बेडा पार,
पल्लो देख ले,
पल्लो देख ले बिछा के,
खुल रह्यो बाबा को दरबार।।
‘श्यामसुन्दर’ की ईच्छा याहि,
नित तेरा गुणगान करे,
तेरी सेवा करने ख़ातिर,
लेवूं जनम दोबार,
पल्लो देख ले,
पल्लो देख ले बिछा के,
खुल रह्यो बाबा को दरबार।।
पल्लो देख ले बिछाके,
खुल रह्यो बाबा को दरबार,
पल्लो देख ले,
खाटू वालो श्याम धणी म्हारो,
लुटा रह्यो भंडार,
पल्लो देख ले,
पल्लो देख ले बिछा के,
खुल रह्यो बाबा को दरबार।।
Singer – Rajnish Sharma