पापी पैदा होये देश में,
धर्म की नीम हला दी रै,
बहु बेटी की शर्म करे ना,
माँ बाप की कदर घटा दी रै।।
राम राज था कदे देश में,
रावण राज यों आ गया रै,
होया कर्ता जुल्म पहले भी,
ईब अंत कति आ गया रै,
मुसलमाना की डाल देखे,
खुद बेबे बहु बनादी रै,
माँ बाप की कदर घटा दी रै।।
आजकाल इसी आवे खबर हम,
रोज पढ़े अख़बारा मे,
यारा क घर जारी करतें,
बैठक और चुबारा मे,
सकल दिखावण जोगे ना छोड़े,
कति शर्म त नाड़ झुकादी रै,
माँ बाप की कदर घटा दी रै।।
गैर समझ के बहु बेटी ने,
करण लागगे दुसव्यवहार,
अपनी की त शर्म राखते,
दूसरे गेल्याँ गलत विचार,
कर्म बुरे कर्ता मानस सब,
क्याहै की मिली अजादी रै,
माँ बाप की कदर घटा दी रै।।
खांडा खेड़ी आले रै,
तेरी कोण सुनेगा बाणी न,
जिसा चले उसे चलन देवे न,
क्यू कथे ईस कहाणी न,
पवन मेरी तू बात मानले,
या किसी रागनी गादी रै,
माँ बाप की कदर घटा दी रै।।
पापी पैदा होये देश में,
धर्म की नीम हला दी रै,
बहु बेटी की शर्म करे ना,
माँ बाप की कदर घटा दी रै।।
गायक / लेखक – पवन धर्मखेड़ी।
मो. 8814810192