पार मेरी कश्ती बाबा,
लगानी पड़ेगी,
लाज तुझे प्रेमियों की,
बचानी पड़ेगी,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।bd।
हंसता जमाना मुझपे,
उंगलिया उठाता है,
कहाँ गया बाबा तेरा,
कह के चिढ़ाता है,
तेरे होते क्यों ये नजरें,
झुकानी पड़ेगी,
लाज तुझे प्रेमियों की,
बचानी पड़ेगी,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।bd।
ऐसा है जमीर मेरा,
किसी से ना कहता हूँ,
हुआ मन भारी तो मैं,
तेरे आगे रोता हूँ,
और कितनी बूंदे बाबा,
चढ़ानी पड़ेगी,
लाज तुझे प्रेमियों की,
बचानी पड़ेगी,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।bd।
पार मेरी कश्ती बाबा,
लगानी पड़ेगी,
लाज तुझे प्रेमियों की,
बचानी पड़ेगी,
आजा रे कन्हैया आजा रे,
आजा रे कन्हैया आजा रे।bd।
स्वर – राज पारीक जी।