पारस म्हारो नाकोड़ा रा नाथ,
सेवक भेरूजी लाडला,
भेरू म्हारो भगता रो रखवालो,
माता अम्बिका रा लाड़ला।।
पारस प्रभु वामा जी रा कहाया,
हो पारस प्रभु वामा जी रा कहाया,
तीरथ नाकोड़ा में धाम बणाया,
हो तीरथ नाकोड़ा में धाम बणाया,
संग डमरू वाला बिठाया,
सेवक भेरूजी लाडला।।
है पुरषादानी म्हारा पारसनाथ,
परमज्ञानी म्हारा पारसनाथ,
समकित धारी प्यारा भैरवनाथ,
कलयुग अवतारी भैरवनाथ,
रहवे भक्तो रो लारे दिन रात,
सेवक भेरूजी लाडला।।
साँचे मन सु थे करलियो भक्ति,
भक्ति ही मुक्ति री युक्ति,
पार्श्व भैरव री मिलसी शक्ति,
पार्श्व भैरव री मिलसी शक्ति,
‘दिलबर’ शुभम ने मिली या भक्ति,
सेवक भेरूजी लाडला।।
पारस म्हारो नाकोड़ा रा नाथ,
सेवक भेरूजी लाडला,
भेरू म्हारो भगता रो रखवालो,
माता अम्बिका रा लाड़ला।।
गायक – शुभम लोढ़ा सूरत।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365