पारसरामजी पारस स्वरूपी,
ओ जेतरामजी री भगती करे।
श्लोक – धाम जेतेश्वर सोवनो,
जटे जेतरामजी रो धाम,
माला फेरी भोलेनाथ री,
ओ ज्यारो जुग मे मोटो नाम।
ए हे अरे पारसरामजी पारस स्वरूपी,
ओ जेतरामजी री भगती करे,
पारसरामजी पारस स्वरूपी,
अरे गुरूदेव रो ध्यान धरे,
गावु मे संतों री महिमा,
अरे नाम लिया सु दुखड़ा हरे,
ओ जी ए हा ओ जी।।
ए हे अरे गाँव बामणी मे जन्म धरायो,
अरे रिमझिम मेवुडा छाटा भरे,
अरे सावन सुदी पाचम् आवे,
अरे गुमारामजी आया घरे,
अरे १९८७ मे,
अरे मैया पारू देवी लाड करे,
ओ जी ए हा ओ जी।।
ए हे अरे पाव पगल्या आंगन मंडावे,
अचला भादर मे आया करे,
बाल उमर मे भगती जगावे,
अरे रूपा रामजी ने गुरु करे,
अलखरी धाम मे आप पधारीया,
अरे रूपा रामजी री सेवना करे,
ओ जी ए हा ओ जी।।
ए हे रूपा रामजी शिव मे समाया,
झूर झूर अखीया सु नीर जरे,
धूमधाम सु भंडारो करावे,
अरे पारसरामजी ने तिलक करे,
गादी पद गुरु आप बैठाया,
भगती री रणुकार पडे,
ओ जी ए हा ओ जी।।
ए हे सुती समाज ने आप जगावे,
समाज सुधार री बात करे,
नशा मुक्ति संदेश सुनावे,
अरे शिक्षा रो परचार करे,
अरे केणो थे मारे गुरूजी रो मानो,
अरे जुगडा मे बाता भली करे,
ओ जी ए हा ओ जी।।
ए हे लाबुरामजी पदमारामजी,
सुरेश देवासी ध्यान धरे,
वरदारामजी ने चरना मे राखो,
मलारामजी चरने आवे,
जोगेद्र देवासी महिमा जी लिखे,
देवासी नरपत चरना गावे,
ओ जी ए हा ओ जी।।
ए हे अरे पारसरामजी पारस स्वरूपी,
ओ जेतरामजी री भगती करे,
पारसरामजी पारस स्वरूपी,
अरे गुरूदेव रो ध्यान धरे,
गावु मे संतों री महिमा,
अरे नाम लिया सु दुखड़ा हरे,
ओ जी ए हा ओ जी।।
स्वर – नरपत देवासी
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818