परदेशी वीरा ओ बटाऊला वीरा ओ,
ओ थारी उमर घणी ने दिन थोडा ओ,
थारी उमर घणी ने दिन थोडा।।
सावरे सोना रो थारे सूरज उगीयो,
सावरे सोना रो थारे सूरज उगीयो,
ओ थारे चढवाने हंसलो घोडलो,
परदेशी वीरा,
ओ थारे चढवाने हंसलो घोडलो,
परदेशी वीरा,
ए थारी उमर घणी ने दिन थोडा।।
ओ मात रे पिता ने थारो कुटम कबीलों,
मात रे पिता ने थारो कुटम कबीलों,
ओ थेतो सबसु नातो जोडीयो,
परदेसी वीरा ओ,
थेतो सबसु नातो जोडीयो,
परदेशी वीरा,
ए थारी उमर घणी ने दिन थोडा।।
ओ ऊंची रे मेडी उनरा अदर काकरा,
ऊंची रे मेडी उनरा अदर काकरा,
ओ उनमें चढवा उतरवा लागे रोयली,
परदेसी वीरा ओ,
उनमें चढावा उतरवा लागे रोयली,
परदेसी वीरा,
ए थारी उमर घणी ने दिन थोडा।।
ओ बाई मीरा केवे प्रभु गिरधर रा गुण,
ओ बाई मीरा केवे प्रभु गिरधर रा गुण,
ओ विन मार्ग में तो मिलीया सावरो,
परदेसी वीरा ओ,
विन मार्ग मे तो मिलीया सावरो,
परदेशी वीरा,
ए थारी उमर घणी ने दिन थोडा।।
परदेशी वीरा ओ बटाऊला वीरा ओ,
ओ थारी उमर घणी ने दिन थोडा ओ,
थारी उमर घणी ने दिन थोडा।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818