पतित पावनी मुक्ति दायनी,
है ये दिव्य कथा,
सच्चे दिल से जो भी सुनता,
मन की मिटे व्यथा,
ये है भागवत कथा,
श्रीमद् भागवत कथा।।
वेदव्यास ने रचना किया,
सुखदेव जी ने सुनाया,
इसे श्रवण कर लाखों प्राणी,
भक्ति मुक्ति पाया,
दुख संताप मिटेंगे सारे,
पूरी होगी इच्छा,
सच्चे दिल से जो भी सुनता,
मन की मिटे व्यथा,
ये है भागवत कथा,
श्रीमद् भागवत कथा।।
अट्ठारह हजार श्लोक और,
बारह स्कंध है,
तीन सौ पैंतीस अध्यायो में,
मेरे बाल मुकुंद है,
जन्म मरण से मुक्ति मिलेगी,
सुन लो यही कथा,
सच्चे दिल से जो भी सुनता,
मन की मिटे व्यथा,
ये है भागवत कथा,
श्रीमद् भागवत कथा।।
पतित पावनी मुक्ति दायनी,
है ये दिव्य कथा,
सच्चे दिल से जो भी सुनता,
मन की मिटे व्यथा,
ये है भागवत कथा,
श्रीमद् भागवत कथा।।
स्वर / रचना – मिलन श्रीवास।
9300212385