पायो जी मैंने राम रतन धन पायो भजन लिरिक्स
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो, पायो जी मैंने राम रतन धन पायो, पायो जी मैंने राम रतन धन पायो॥ वस्तु अमोलक दीनी मेरे सतगुरु, वस्तु अमोलक दीनी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो॥॥ जनम जनम की पूंजी पाई, जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो॥॥ खरच न खुटे, चोर न लुटे, खरच … Continue reading पायो जी मैंने राम रतन धन पायो भजन लिरिक्स
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