पीर बागड़ी फेमस है,
राणा सारे जहाँन में,
सौणी सी मैडी बण री,
बाबा राजस्थान में।।
झासल खेडा मै नाहर पीर सै,
पैरा की बेडी काटै दुखा की जंजीर नै,
दुनिया मनावै इस नाहर पीर नै,
गोगा की शान मै,
सौणी सी मैडी बण री,
बाबा राजस्थान में।।
गुरू गोरख का ऊँचा टीला सै,
गोगा पीर का घोडा नीला सै,
भगमा भेष मै गुरू मिलया से,
पडवा रया कान सै़,
सौणी सी मैडी बण री,
बाबा राजस्थान में।।
मेडी के तो अजब नजारे है,
भजजू संग रतन हाजी भी आ रे सै,
गोगा पीर के सारे प्यारे सै,
पीरा का ध्यान सै,
सौणी सी मैडी बण री,
बाबा राजस्थान में।।
वैधा का छोरा अनिल लिखै सै,
चारो कुंठ मै पीर दिखै सै,
गाम धमतान मै गीत सीखै सै,
गुरुआ के मान में,
सौणी सी मैडी बण री,
बाबा राजस्थान में।।
पीर बागड़ी फेमस है,
राणा सारे जहाँन में,
सौणी सी मैडी बण री,
बाबा राजस्थान में।।
गायक / लेखक – अनिल वैद धमतान साहिब।
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