पैर धो लेने दो भगवन,
दोहा – दीनानाथ अनाथ का,
भला मिला संयोग,
अगर तारों के नहीं प्रभुजी,
तो हंसी करेंगे लोग।
पैर धो लेने दो भगवन,
इनायत होगी,
शंका मिट जाएगी मेरी,
दूर शिकायत होगी,
पैर धों लेने दो भगवन,
इनायत होगी।।
पैर धो लूंगा नाथ मन का,
मैल धो लूंगा,
धूल गया मैल तो,
आईना किस्मत होगी,
पैर धों लेने दो भगवन,
इनायत होगी,
शंका मिट जाएगी मेरी,
दूर शिकायत होगी।।
सुना है नाथ कुछ आपके,
पग में जादू,
बन गई नाव से नारी,
तो मुसीबत होगी,
पैर धों लेने दो भगवन,
इनायत होगी,
शंका मिट जाएगी मेरी,
दूर शिकायत होगी।।
पैर धों लेने दो भगवन,
इनायत होगी,
शंका मिट जाएगी मेरी,
दूर शिकायत होगी।।
स्वर – पं. श्री बबलू पाठक जी।
प्रेषक – सुरेश धाकड़।
9753145644
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