पोढो पोढो जी ताड़क जी,
डमरू हाळा,
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।
गणपति सैय्या लेकर आया,
कार्त्तक वांनै खूब सजाया,
कवै पार्बती जी सोवो मतवाळा,
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।
नन्दीगण बी ऊबो झांको,
थोड़ो ध्यान करो प्रभु आंको,
थेई सब जग नै पालण हाळा,
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।
जितरा भगत आपकै आग्या,
वांका भाग प्रभुजी जाग्या,
दरसण करतां ई दुःख भाग्या,
सैं की नैय्या पार लगाबाळा,
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।
पोढो पोढो जी ताड़क जी,
डमरू हाळा,
आराम करो जी,
पीवो भंग प्याळा।।
Upload By – Vivek Agarwal Ji