प्रभु जी के द्वारे,
मन ये पुकारे,
जिनवर के दर सा कोई,
धाम नहीं है,
प्रभु जी के द्वारें।।
तर्ज – सागर किनारे।
ज्ञान दिवाकर,
शांति सुधाकर,
त्रिभुवन निहारो,
कैवल्य पाकर,
सारे जगत में तुमसा,
नाम नहीं है,
प्रभु जी के द्वारें,
मन ये पुकारे,
जिनवर के दर सा कोई,
धाम नहीं है,
प्रभु जी के द्वारें।।
तुम जग विधाता,
मोक्ष प्रदाता,
तुमको जो ध्याये,
तुमसा हो जाता,
भक्ति सिवा अब कोई,
काम नहीं है,
प्रभु जी के द्वारें,
मन ये पुकारे,
जिनवर के दर सा कोई,
धाम नहीं है,
प्रभु जी के द्वारें।।
प्रभु जी के द्वारे,
मन ये पुकारे,
जिनवर के दर सा कोई,
धाम नहीं है,
प्रभु जी के द्वारें।।
Singer – Manish Jain
Lyrics & Music – Dr. Rajeev Jain