प्रभु राम की धुन में,
मस्त दीवाना नाचे हनुमाना,
नाचे हनुमाना, हो के दीवाना,
नाचे हनुमाना, हो के दीवाना,
प्रभू राम की धुन में,
मस्त दीवाना नाचे हनुमाना।।
तर्ज – मेरे उठे विरह में पीर सखी।
बांध कर पांवो में घुंगरू,
छम छम नाचते,
मस्त मगन होकर गुण गाते,
प्रभु श्री राम के,
श्री राम का, श्री राम का,
श्री राम का बन मस्ताना दीवाना,
नाचे हनुमाना,
प्रभू राम की धुन में,
मस्त दीवाना नाचे हनुमाना।।
राम नाम की धुन में हुआ ये,
ऐसा मतवाला,
भूल के सब जग जपता है,
प्रभु राम की माला,
सारी दुनिया से, सारी दुनिया से,
सारी दुनिया से होकर आज बेगाना,
नाचे हनुमाना,
प्रभू राम की धुन में,
मस्त दीवाना नाचे हनुमाना।।
ऐसा अद्भुत सेवक राम का,
देखा नहीं दूजा,
राम की भक्ति में ‘शर्मा’,
ये सब कुछ ही भुला,
गाए राम का, गाए राम का,
गाए राम का बस ये गाना दीवाना,
नाचे हनुमाना,
प्रभू राम की धुन में,
मस्त दीवाना नाचे हनुमाना।।
प्रभु राम की धुन में,
मस्त दीवाना नाचे हनुमाना,
नाचे हनुमाना, हो के दीवाना,
नाचे हनुमाना, हो के दीवाना,
प्रभू राम की धुन में,
मस्त दीवाना नाचे हनुमाना।।
स्वर – केशव जी शर्मा।