प्रकट हो मेरे बालाजी,
तेरा सजा दिया दरबार।।
तेरे दर्शन की खटक लगी स,
कब होगा दीदार,
घर घर में तेरी चौकी लागः,
मंगल और शनिवार,
हो बाबा मंगल और शनिवार,
प्रकट हों मेरे बालाजी,
तेरा सजा दिया दरबार।।
कोए बजरंगी कोए बालाजी,
कोए कहता पवनकुमार,
बारा नाम तेरे मन भावन,
रटया करः संसार,
हो बाबा रटया करः संसार,
प्रकट हों मेरे बालाजी,
तेरा सजा दिया दरबार।।
तेरे दर्शन बिन इस जीवन का,
कोए नहीं आधार,
तेरे भक्तां ने चौबीस घंटे,
तेरा सतावः प्यार,
हो बाबा तेरा सतावः प्यार,
प्रकट हों मेरे बालाजी,
तेरा सजा दिया दरबार।।
गुरु मुरारी हे बलकारी,
छोड गए संसार,
राजपाल प हाथ तेरा स,
कौशिक ने लगागे पार,
हो बाबा कौशिक ने लगागे पार,
प्रकट हों मेरे बालाजी,
तेरा सजा दिया दरबार।।
प्रकट हो मेरे बालाजी,
तेरा सजा दिया दरबार।।
गायक – मुकेश उरलाना जी।
प्रेषक – राकेश कुमार जी।
खरक जाटान(रोहतक)
9992976579