प्राण प्रतिष्ठा बाबोसा की,
आज है मेरे घर में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में,
मंजू बाईसा आ रही है,
आज शहर में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में।।
एक मंदिर छोटा सा,
घर मे है बनाया,
फूलो से ये सारा,
घर है सजाया,
आयेगे भक्त सभी,
आज भजन में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में,
मंजू बाईसा आ रही है,
आज शहर में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में।।
मन्दिर बिन है लगता,
सारा घर है सुना,
पावन होगा अब तो,
घर का कोना कोना,
प्राण प्रतिष्ठा होगी,
मन्त्रो की धुन में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में,
मंजू बाईसा आ रही है,
आज शहर में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में।।
आते है जिस घर बाबोसा,
रिद्धि सिद्धि वहाँ आती,
कहती मंजू बाईसा,
अला बला टल जाती,
‘दिलबर’ झूमेंगे नाचेगे,
आज भवन में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में,
मंजू बाईसा आ रही है,
आज शहर में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में।।
प्राण प्रतिष्ठा बाबोसा की,
आज है मेरे घर में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में,
मंजू बाईसा आ रही है,
आज शहर में,
ये खबर फेलादो भक्तो,
सारी दुनिया भर में।।
गायक – माही राठौर,मीनाक्षी गुनाजी।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365