प्रथम देव गणेश मनावु,
पछे विष्णु देवा हा।
दोहा – संगत किजे संत री,
क्या नुगरा से काम,
नुगरा ले जावे नारगी,
संत मिलावे राम।
प्रथम देव गणेश मनावु,
पछे विष्णु देवा हा,
ब्रह्म शंकर दोनो मनावु,
ब्रह्म शंकर दोनो मनावु,
करू शक्ति री सेवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा,
ए पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
जैसे मिसरी मेवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा हा।।
अरे सूरज सिवरू चंदा भी सिवरू,
करू सुखमन घर सेवा हा,
अरे सूरज सिवरू चंदा भी सिवरू,
करू सुखमन घर सेवा हा,
अरे तन खोज तरवीणा लावो,
तन खोज तरवीणा लावो,
आवे निकलंक देवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा हा,
ए पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
जैसे मिसरी मेवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा हा।।
अरे ओम सोम दोई रंग महल में,
आवे इन्द्र देवा हा,
अरे ओम सोम रा रंग महल में,
आवे इन्द्र देवा हा,
अमिरस फुवारो री जडी लागी,
अमिरस फुवारो री जडी लागी,
मिलीया निकलंक देवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा हा,
ए पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
जैसे मिसरी मेवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा हा।।
रामनाथ मिलीया गुरू पूरा,
करू चरनो री सेवा हा,
रामनाथ गुरू पूरा मिलीया,
करू चरनो री सेवा हा,
अरे दोई कर जोड अमरसिंह बोले,
दोई कर जोड अमरसिंह बोले,
आप बडा हो देवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा हा,
ए पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
पाँचो ने पूज्या परमार्थ होवे,
जैसे मिसरी मेवा रे संतो,
पुजु पाँचों देवा हा।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818