प्रेम का धागा सांवरे,
तुम संग बाँध लिया है,
हमने तो अपना सबकुछ,
तुमको ही मान लिया है,
प्रेम का धागा साँवरे,
तुम संग बाँध लिया है।।
तर्ज – क्या करते थे साजना।
बात समझ में आ गई सारी,
बस नाम की ये दुनियादारी,
काम किसी के कोई ना आता,
देख ली हमने रिश्तेदारी,
आन पड़े मुश्किल कोई,
दूर हो सब अपने सभी,
अब हमने ये जान लिया है,
जग पहचान लिया है,
जग पहचान लिया है,
प्रेम का धागा साँवरे,
तुम संग बाँध लिया है।।
तेरी शरण में आ गए अब तो,
छोड़ के मतलब के इस जग को,
श्याम तुम्हारी मर्ज़ी पे छोड़ा,
जैसे भी चाहो वैसे ही रखलो,
सुख हो या गम तेरे है हम,
तन और मन ये जीवन,
सब तेरे ही नाम किया है,
दामन थाम लिया है,
दामन थाम लिया है,
प्रेम का धागा साँवरे,
तुम संग बाँध लिया है।।
हाथ कभी ना सर से हटाना,
श्याम कभी तुम दूर ना जाना,
चरणों में तेरे अपना किया है,
श्याम धणी ‘शर्मा’ ने ठिकाना,
दर पे तेरे श्याम मेरे,
काम सभी मेरे हुए,
तूने सबका ही काम किया है,
जग पहचान लिया है,
जग पहचान लिया है,
प्रेम का धागा साँवरे,
तुम संग बाँध लिया है।।
प्रेम का धागा सांवरे,
तुम संग बाँध लिया है,
हमने तो अपना सबकुछ,
तुमको ही मान लिया है,
प्रेम का धागा साँवरे,
तुम संग बाँध लिया है।।
Singer – Uma Chauhan