प्रेम पिया से राखो म्हारी बहना,
दोहा – संगत करनी संत री,
और क्या नुगरा से काम,
नुगरा लिजावे नारगी,
तो संत मिलावे राम।
प्रेम पिया से राखो म्हारी बहना,
प्रेम पिया से राखों जी,
प्रेम पिया से राखों म्हारी बहना,
प्रेम पिया से राखों जी,
हाथ जोडने हाजिर रेवे,
मिले मुक्ति रो नातो जी,
हाथ जोडने हाजिर रेवे,
मिले मुक्ति रो नातो जी।।
अपने पिया को ईश्वर समझो,
दुजा ने डावो काटो जी,
अपने पिया को ईश्वर समझो,
दुजा ने डावो काटो जी,
सास ससुर ने ऐसा समझो,
जैसे तीर्थ गंगा जी,
सास ससुर ने ऐसा समझो,
जैसे तीर्थ गंगा जी।।
धीमी चालो ओर मीठी बोलो,
नगर सारा सामी जी,
धीमी चालो ओर मीठी बोलो,
नगर सारा सामी जी,
प्रेम सु भगवान ने सुमिरो,
राखो बराबर छाटो जी,
प्रेम सु भगवान ने सुमिरो,
राखो बराबर छाटो जी।।
ओरपुनी सु मानको पायो,
राम नाम रस छाको जी,
ओरपुनी सु मानको पायो,
राम नाम रस छाको जी,
दानाराम री आ है शिक्षा,
मिले मुक्ति द्वारो जी,
दानाराम री आ है शिक्षा,
मिले मुक्ति द्वारो जी।।
प्रेम पिया से राखों म्हारी बहना,
प्रेम पिया से राखों जी,
प्रेम पिया से राखों म्हारी बहना,
प्रेम पिया से राखों जी,
हाथ जोडने हाजिर रेवे,
मिले मुक्ति रो नातो जी,
हाथ जोडने हाजिर रेवे,
मिले मुक्ति रो नातो जी।।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818