पूजन अर्चन ध्यान और वंदन,
ये हैं जीवन के आधार,
पितरों का तू सुमिरन कर ले,
हो जाएगा बेड़ा पार।।
ध्यान हृदय में इनका धरकर,
जो भी इन्हें मनायेगा,
पित्तरों की किरपा से ये घर,
अन्न धन से भर जायेगा,
पूरे होंगे काम अधूरे,
सर्वस तू इन पर बलिहार,
पुजन अर्चन ध्यान और वंदन,
ये हैं जीवन के आधार।।
जब जब विपदा आए तुम पर,
पित्तरों का सुमिरन कर ले,
होंगे तेरे काम सफल सब,
कुलदेवता को मनन कर ले,
घर में इनके आशीर्वाद से,
आएगी खुशियाँ बेशुमार,
पुजन अर्चन ध्यान और वंदन,
ये हैं जीवन के आधार।।
धन दौलत से घर भरते हैं,
दुःख दारिद्र मिटाते हैं,
सबकी पीड़ा हर लेते हैं,
कृपा सदा बरसाते हैं,
‘परशुराम’ ये जान रहे हैं,
सबके मन के भाव विचार,
पुजन अर्चन ध्यान और वंदन,
ये हैं जीवन के आधार।।
पूजन अर्चन ध्यान और वंदन,
ये हैं जीवन के आधार,
पितरों का तू सुमिरन कर ले,
हो जाएगा बेड़ा पार।।
गायक लेखक एवं प्रेषक –
परशुराम जी उपाध्याय।
9307386438