पुजुं पुजुं मैं गणेश,
पुजुं माता पार्वती और,
पुजुंगा महेश।।
सबसे पहले तन्नै मनावां,
विघ्नविनासक देवा,
तेरे चरणां में पड़ा रहुँ और,
करता रहुँ तेरी सेवा,
पूजूँ पूजूँ मैं गणेश,
पुजुं माता पार्वती और,
पुजुंगा महेश।।
पार्वती के प्यारे हो,
शंकर के राज दुलारे,
जो भी तेरा ध्यान धरः,
तुं करता वारे न्यारे,
पूजूँ पूजूँ मैं गणेश,
पुजुं माता पार्वती और,
पुजुंगा महेश।।
लड्डु मिश्री भोग तेरा और,
मुसे की सवारी,
माथे ऊपर तिलक विराजै,
भक्तों का हितकारी,
पूजूँ पूजूँ मैं गणेश,
पुजुं माता पार्वती और,
पुजुंगा महेश।।
सुमेर भक्त भी हो मेरे बाबा,
तेरे दर प आवः,
तेरे चरणां में शीश झुका क,
तेरी महिमा गावः,
पूजूँ पूजूँ मैं गणेश,
पुजुं माता पार्वती और,
पुजुंगा महेश।।
पुजुं पुजुं मैं गणेश,
पुजुं माता पार्वती और,
पुजुंगा महेश।।
– भजन प्रेषक –
राकेश कुमार खरक जाटान
9992976579