पुकारे काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम,
गुजरी वृंदावन के धाम,
गुजरी वृंदावन के धाम,
पुकारें काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम।bd।
यमुना के तट बैठी गुजरी,
मन में ध्यान लगाया,
देख छवि प्यारे मोहन की,
ऐसा मन हर्षाया,
यमुना की लहरो में दिख गए,
मुरली वाले श्याम,
पुकारें काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम।bd।
मोर मुकुट छवि प्यारी लागे,
ऐसा रूप बनाया,
श्याम वरन मुख चंद्रमा सा,
मेरे मन को भाया,
फूलों और पतियन में दिख गए,
मुरली वाले श्याम,
पुकारें काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम।bd।
कभी ग्वाला कभी कन्हैया,
नये नये रूप दिखाता,
मैं देखूं जिस ओर सखि री,
कन्हैया नजर में आता,
गऊओ ओर बछड़ो में दिख गए,
मुरली वाले श्याम,
पुकारें काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम।bd।
जब जब भीड़ पड़ी भगता पे,
आ पहुँचे गिरधारी,
‘शक्ति’ की भी अर्ज सुनो तुम,
आओ कृष्ण मुरारी,
भगतो के ह्रदय में बस गए,
मुरली वाले श्याम,
पुकारें काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम।bd।
पुकारे काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम,
गुजरी वृंदावन के धाम,
गुजरी वृंदावन के धाम,
पुकारें काला काला नाम,
गुजरी वृंदावन के धाम।bd।
स्वर – साध्वी शक्तिपुरी जी।
प्रेषक – पवन सिंघल।
8607460571
So nice