पूरब जी जागण में आइज्यो,
अन्नदाता मारे जागण में आइज्यो,
राति जगो थारो दियो नाम रो,
दर्सन देइ जाईज्यो।।
हिन्डो लगायो थारे नाम रो,
जुलन पे आइज्यो,
पूर्बजी जागण में आइज्यो।।
परिवार थाको आज बुलावे,
कटे सुता आइज्यो,
पूर्बजी जागण में आइज्यो।।
ढोल थाली थारे बाज्यो,
भोग थारे लाग्यो,
पूर्बजी जागण में आइज्यो।।
धरम तंवर थारे भजन सुनावे,
परबाती आइज्यो,
पूर्बजी जागण में आइज्यो।।
पूरब जी जागण में आइज्यो,
अन्नदाता मारे जागण में आइज्यो,
राति जगो थारो दियो नाम रो,
दर्सन देइ जाईज्यो।।
लेखक / गायक – धर्मेंद्र तंवर।
9829202569