प्यारो घणो लागे जी नारायण,
थांको मालासेरी दरबार।।
मंदिरिया के आजु बाजू,
सरोवर भरिया हजार,
ऊँची ऊँची लहरें चाले,
ठण्डी चाले फुवांर,
प्यारो घणो लागें जी नारायण,
थांको मालासेरी दरबार।।
भांत भांत का रुक भरकड़ा,
पायो नही कोई पार,
कोयल मोर पपहिया बोले,
बोले राग मलार,
प्यारो घणो लागें जी नारायण,
थांको मालासेरी दरबार।।
भोजा जी गोड़ी पर बैठा,
बगड़ावत सरदार,
मंदिर माही बैठी साडू माता,
महिमा अपरम्पार,
प्यारो घणो लागें जी नारायण,
थांको मालासेरी दरबार।।
लंबो चोडो मंदिर थांको,
चौड़ा है चौबार,
एक साल में दो- दो मेला,
आवे लाखों नरनार,
प्यारो घणो लागें जी नारायण,
थांको मालासेरी दरबार।।
राती जगा और जात जड़ूला,
आवे रोज अपार,
चम्पा लाल मालासेरी वालो,
थांका गावे मंगलाचार,
प्यारो घणो लागें जी नारायण,
थांको मालासेरी दरबार।।
प्यारो घणो लागे जी नारायण,
थांको मालासेरी दरबार।।
प्रेषक – चम्पा लाल प्रजापति,
प्रजापति म्यूजिकल ग्रुप भीलवाड़ा,
(राज.) 89479-15979