प्यारो घणो लागे ओ बिशनोईया,
म्हाने मारवाड़ रो वास,
मारवाड़ रो वास माने,
मारवाड़ रो वास,
प्यारो घणो लागे माने,
मारवाड़ रो वास।।
गांव रामड़ा रे माय,
प्यारो विलजी रो धाम,
गांव रणिसर पुलेजी रो,
मेलो सालो साल,
प्यारों घणों लागे ओ बिशनोईया,
म्हाने मारवाड़ रो वास।।
गांव ननेऊ तीरथ जां बासे,
शैतान सिंह रो नाम,
मेड़ताटि रे माय,
प्यारो बुचेजी रो धाम,
प्यारों घणों लागे ओ बिशनोईया,
म्हाने मारवाड़ रो वास।।
वृक्ष बचावन खेजड़ली में,
वीरों का है नाम,
हिरण बचावन बीरबल कीचड़,
पहुंच गयो प्रमाण,
प्यारों घणों लागे ओ बिशनोईया,
म्हाने मारवाड़ रो वास।।
बिकमकोर है गादि बैठे,
आलम जी की समाधि,
आशकरण जैसला माही,
पूरो पूरो विशवास,
प्यारों घणों लागे ओ बिशनोईया,
म्हाने मारवाड़ रो वास।।
अमर कियो है नाम जगत में,
बिश्नोईया रों नाम,
राकेश लटियाल थारू भजन बनाए,
वो भूली चुकी करो माफ,
प्यारों घणों लागे ओ बिशनोईया,
म्हाने मारवाड़ रो वास।।
प्यारो घणो लागे ओ बिशनोईया,
म्हाने मारवाड़ रो वास,
मारवाड़ रो वास माने,
मारवाड़ रो वास,
प्यारो घणो लागे माने,
मारवाड़ रो वास।।
– गायक एवं प्रेषक –
राकेश जी लटियाल
8003527393