प्यारो मेवाड़ लागे,
दोहा – अजय धरा मेवाड़ री,
जठे वाको गढ़ चित्तौड़,
मारे मेवाड़ रा मानवी,
रेवे मूंछ मरोड़।
ऊंचा ऊंचा है पहाड़,
गूंजे शेरों री दहाड़,
कल कल करता बेवे झरना,
मारी धन्य धरा मेवाड़,
बेरी दुश्मन ने जड़ सु उखाड़ फाके,
सारा जग सू यो प्यारो मेवाड़ लागे।।
चौड़ी छाती वीरों री ना,
डर है कोई सु,
सत पर मर गया सूरमा,
बगड़ावत चोवीस सु,
धन्य धन्य है या माटी,
जठे ऊंची हल्दीघाटी,
बैठो चेतक रो असवार,
भालो भलके जोरदार,
अठे अकबर भी जूकग्यो प्रताप आगे,
सारा जग सु यो प्यारो मेवाड़ लागे।।
सुनो पन्नाधाय,
साडू माँ री कहानी,
जोहर में सती हो गई,
पद्मावत वो रानी,
दे दिया बलिदान,
नारी शक्ति है महान,
अपणा सत पर जान गवा दे,
नहीं होवण दे अपमान,
हो अठ नारी मीटे हैं आन बान आगे,
सारा जग सू यो प्यारो मेवाड़ लागे।।
चार धाम रा तीर्थ जारी,
महिमा है न्यारी,
देमाली बिराजे,
देव धणी अवतारी,
बैठा चारभुजा सिरमोर,
मैया कालका चित्तौड़,
एकलिंग श्रीनाथ,
प्यारी लागे जोगण मात,
अठे सेठा रो सेठ सांवलसेठ विराजे,
सारा जग सु यो प्यारो मेवाड़ लागे।।
कितरो ईण माटी रो,
गुणगान करा मैं,
कण-कण में हरियाली,
मेवाड़ धरा में,
अठे उचा उचा मेहल,
गाडी जूते दो दो बेल,
बाटी चूरमा रो खाणो,
बाजे ढोल थाली पर गाणो,
गवरी राई रो प्यारो माने नाच लागे,
सारा जग सू यो प्यारो मारवाड़ लागे।।
ऊंचा ऊंचा है पहाड़,
गूंजे शेरों री दहाड़,
कल कल करता बेवे झरना,
मारी धन्य धरा मेवाड़,
बेरी दुश्मन ने जड़ सु उखाड़ फाके,
सारा जग सू यो प्यारो मेवाड़ लागे,
सारा जग सू यो प्यारो मेवाड़ लागे।।
गायक व लेखक – शंभू मीणा।
मोबाइल – 7014324491
मु.बडला तहसील शाहपुरा।
जिला – भीलवाड़ा राजस्थान।