रात सखा मने सपनो आयो,
सपना में माता जी देख्या रे,
बागा देख्या बगीचा देख्या,
आंगणिया में रमता देख्या रे,
रात सखा मने सपनो आयों,
सपना में माता जी देख्या रे।।
दाया कोरे चक्र चलायो,
बाया भाला रोप्या ओ माँ,
माता पे थारे रखड़ी सोहे,
नाका नथड़ी चमके माँ,
रात सखा मने सपनो आयों,
सपना में माता जी देख्या रे।।
हाथा में सोना री चुडिया,
बाजु हिरा जडियो ओ माँ,
नवलखो थारे हार गला में,
जुमका मारो मन मोयो ओ माँ,
रात सखा मने सपनो आयों,
सपना में माता जी देख्या रे।।
सिंह सवारी आवे मारी माता,
बावन भेरू लावे ओ माँ,
आगे आगे बजरंग नाचे,
पाछे नवलख देविया ओ माँ,
रात सखा मने सपनो आयों,
सपना में माता जी देख्या रे।।
ढोल नगाड़ा नोपत बाजे,
जालर री जानकारा ओ माँ,
आरतिया री वेला आया,
रूप लिया हे निराला ओ माँ,
रात सखा मने सपनो आयों,
सपना में माता जी देख्या रे।।
धरम भगत थारी महिमा गाई,
चरना शीश नमाया ओ माँ,
हाथ जोड़ थाने करी विनती,
जनम सफल वे पाया ओ माँ,
रात सखा मने सपनो आयों,
सपना में माता जी देख्या रे।।
रात सखा मने सपनो आयो,
सपना में माता जी देख्या रे,
बागा देख्या बगीचा देख्या,
आंगणिया में रमता देख्या रे,
रात सखा मने सपनो आयों,
सपना में माता जी देख्या रे।।
भजन लेखक और गायक – धर्मेंद्र तंवर।
उदयपुर मोबाइल – 9829202569
https://youtu.be/E-0aAWfFkOY