राधा की कृपा,
कृष्णा की कृपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
चाहे किसी देश में हो,
चाहे किसी भेष में हो,
चाहे किसी परिवेश में हो,
राधा की किरपा,
कृष्णा की किरपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
चाहे किस रंग में हो,
चाहे किस ढंग में हो,
चाहे किसी तरंग में हो,
राधा की किरपा,
कृष्णा की किरपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
चाहे वो घर में हो,
चाहे वो वन में हो,
चाहे किसी उलझन में हो,
राधा की किरपा,
कृष्णा की किरपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
चाहे अमीर हो,
चाहे गरीब हो,
चाहे बिगड़ी तक़दीर हो,
राधा की किरपा,
कृष्णा की किरपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
चाहे वो दुखी हो,
चाहे वो सुखी हो,
चाहे जीवन मुश्किल हो,
राधा की किरपा,
कृष्णा की किरपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
चाहे वो ध्यानी हो,
चाहे वो ज्ञानी हो,
चाहे वो अज्ञानी हो,
राधा की किरपा,
कृष्णा की किरपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
राधा की कृपा,
कृष्णा की कृपा,
जिसपे हो जाये,
भक्ति को पाए मौज उड़ाये,
मौज उड़ाये मौज उड़ाये।।
स्वर – मृदुलकृष्ण जी शास्त्री।