राधा नाम जपा कर बन्दे,
दोहा – बरसाने की रज अमृत है,
पावन है ब्रज धाम,
तू ना भटके फिर लख चौरासी,
बस गा ले राधा नाम।
राधा नाम जपा कर बन्दे,
काम यही बस आएगा,
अटल विजय होगी तेरी,
तू सांवरिया को पायेगा,
राधा नाम जपा कर बन्दें।।
इस जग के झूठे चक्कर में,
तू फिरता मारा मारा
अंत समय कोई काम ना आवे,
चाहे हो जितना प्यारा,
राधे नाम का अमृत पी तू,
और ना कुछ ले जाएगा,
अटल विजय होगी तेरी,
तू सांवरिया को पायेगा,
राधा नाम जपा कर बन्दें।।
अपनों साँसों की माला पे,
राधे राधे गाया कर
आठों याम इसी अमृत की,
धारा में तू नहाया कर,
श्री चरणों में अर्पण हो जा,
नहीं तो धोखा खायेगा,
अटल विजय होगी तेरी,
तू सांवरिया को पायेगा,
राधा नाम जपा कर बन्दें।।
अपने भक्तो पे करुणामयी,
इतनी कृपा कर देना,
जो भी आये द्वार तुम्हारे,
उसकी झोली भर देना,
राधे नाम से तू ‘धर्मेंद्र’,
भव सागर तर जाएगा,
अटल विजय होगी तेरी,
तू सांवरिया को पायेगा,
राधा नाम जपा कर बन्दें।।
राधा नाम जपा कर बन्दें,
काम यही बस आएगा,
अटल विजय होगी तेरी,
तू सांवरिया को पायेगा,
राधा नाम जपा कर बन्दें।।
Singer – Kanhaiya Das Ji Maharaj