राधा रो रो के कहने लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है,
आस मोहन की दिल में लगी है,
दर्द राधा ये सहने लगी है,
राधा रो रो के कहनें लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है।।
वादा परसो का करके गए थे,
दिन परसो के बरसो भए है,
आग दिल में ये कैसी लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है,
राधा रो रो के कहनें लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है।।
कैसा वादा श्याम तुमने कीन्हा,
मेरा सबकुछ श्याम तुमने छीना,
आई कैसी सितम की घड़ी है,
धारा आंसू की बहने लगी है,
राधा रो रो के कहनें लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है।।
‘सूरज’ रो रो के तुमको पुकारे,
कहाँ जा कर छुपे प्राण प्यारे,
‘सरगम’ बाट निहारे खड़ी है,
धारा आंसू की बहने लगी है,
राधा रो रो के कहनें लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है।।
राधा रो रो के कहने लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है,
आस मोहन की दिल में लगी है,
दर्द राधा ये सहने लगी है,
राधा रो रो के कहनें लगी है,
धारा आंसू की बहने लगी है।।
स्वर – शास्त्री सुमन सरगम।