राधे राधे बोल दुःख जाएगा,
जाएगा सुख आएगा,
जिसने रटा ये नाम है,
मिला उसको ही आराम है,
राधे राधे बोल दुःख जायेगा,
जाएगा सुख आएगा।।
तर्ज – धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले।
दो अक्षर का नाम प्रेम का सार,
जो गाये बस उसी का बेड़ा पार,
जहाँ पे राधे राधे की गुंजार,
वहीँ पे रहता सांवरिया सरकार,
चरणों में आ, नही दूर जा,
मन मुक्त कर, हर पल ये गा,
हर वस्तु यहाँ बेकाम है,
बस सच्चा एक ही नाम है,
राधे राधे बोल दुःख जायेगा,
जाएगा सुख आएगा।।
बांध ले राधे रानी से तू डोर,
उसे बनाले तू चंदा बन तू चकोर,
ज्यादा नही बस थोडा लगाले जोर,
नाच उठेगा तेरे मन का मोर,
कैसा है डर, कैसी फिकर,
होंठो पे है, ये नाम ग़र,
इसी में सुख आराम है,
और इसी में चारों धाम है,
राधे राधे बोल दुःख जायेगा,
जाएगा सुख आएगा।।
राधे राधे जिसने भी गाया,
उसी ने छोड़ी दुनिया की माया,
उसी के मन में श्याम है समाया,
जिसपे राधे रानी की छाया,
होके बेधड़क, मन गाएजा,
दुनिया के दुःख, बिसरायेजा,
‘श्रवण’ का बनता काम है,
देना तुझको आराम है,
राधे राधे बोल दुःख जायेगा,
जाएगा सुख आएगा।।
राधे राधे बोल दुःख जाएगा,
जाएगा सुख आएगा,
जिसने रटा ये नाम है,
मिला उसको ही आराम है,
राधे राधे बोल दुःख जायेगा,
जाएगा सुख आएगा।।
स्वर – कुमार श्रवण।