राधे कहने की आदत सी हो गयी है,
दोहा – आदत आदत आदत है,
जिसको पड़ी जिसकी आदत है,
हम पर तो श्री जी ने की है कृपा,
राधे कहने की आदत है।।
राधे राधे राधे कहने की,
आदत सी हो गयी है,
श्री जी के चरणों मे रहने की,
आदत सी हो गयी है,
श्याम द्वारे आ पडी हुं,
तेरे नाम के सहारे,
राधे राधे राधे केहने की,
आदत सी हो गयी है।।
कोई पागल या दिवाना,
और मस्ताना हि कहे,
ऐसी बातो को अब सेहने कि,
आदत सी हो गयी है,
राधे राधे राधे केहने की,
आदत सी हो गयी है।।
अब चाहे डूबा दो या बना दो,
कोई गम भी तो नही,
हमको तेरे नाम मे बेहने कि,
आदत सी हो गई है,
राधे राधे राधे केहने की,
आदत सी हो गयी है।।
मेरी फ़रियाद पे न तुमने,
कोई गोर हि किया,
बिती बातो को दोहराने की,
आदत सी हो गई है,
राधे राधे राधे केहने की,
आदत सी हो गयी है।।
राधे राधे राधे कहने की,
राधे कहने की आदत सी,
आदत सी हो गयी है,
श्री जी के चरणों मे रहने की,
आदत सी हो गयी है,
श्याम द्वारे आ पडी हुं,
तेरे नाम के सहारे,
राधे राधे राधे केहने की,
आदत सी हो गयी है।।