राधिके तूने बंसरी चुराई,
बंसरी चुराई क्या,
तेरे मन आई,
काहे को रार मचाई,
मचाई रे,
राधिके तूने बंसरी चुरायी।।
दे दूंगी कहे कस्मे खाये,
दे दूंगी कहे कस्मे खाये,
कहाँ छुपाई पर ना बताये,
कहाँ छुपाई पर ना बताये,
नटखट करे ढीटाई, ढीटाई,
राधिके तूने बंसरी चुरायी।।
ना तेरी बैरन ना तेरी सौतन,
ना तेरी बैरन ना तेरी सौतन,
मेरी मुरलिया मोहे सबका मन,
मेरी मुरलिया मोहे सबका मन,
करे तेरी कौन बुराई, बुराई रे,
राधिके तूने बंसरी चुरायी।।
निशदिन तेरे गीत सुनाए,
निशदिन तेरे गीत सुनाए,
राधा राधा रटन लगाए,
राधा राधा रटन लगाए,
सब जग परत सुनाई, सुनाई रे,
राधिके तूने बंसरी चुरायी।।
राधिके तूने बंसरी चुराई,
बंसरी चुराई क्या,
तेरे मन आई,
काहे को रार मचाई,
मचाई रे,
राधिके तूने बंसरी चुरायी।।
गायक – प्रेम प्रकाश जी दुबे।