रघुवर जी म्हाँ पर,
रंग बरसायो रे,
आनन्द आयो रे।।
सुरसति गणपति शिव पारवती,
ऐसो साज सजायो रे,
रामायण और सत्संगत रो,
जोग मिलायो रे,
आनन्द आयो रे।।
हरि-भगती मुक्ती रो मार्गं,
म्हाने सुगम बतायो रे,
छोटा-मोटा सब अधिकारी,
ढोल घुरायो रे,
आनन्द आयो रे।।
रामचरितरो रसियो हनुमत,
आसण आय लगायो रे,
गुपत भेष में ताल बजावे,
माता अंजनी रो जायो रे,
आनन्द आयो रे।।
क्रोड़ उपाय करो नहिं छूटे,
ऐसो रंग जमायो रे,
पाप करम रो कूड़ो कचरो,
धोय बहायो रे,
आनन्द आयो रे।।
रघुवरजी रे राजतिलक रो,
उत्सव आज मनायो रे,
नभ में देव पुषब बरषावे,
मंगल छायो रे,
आनन्द आयो रे।।
रघुवर जी म्हाँ पर,
रंग बरसायो रे,
आनन्द आयो रे।।
गायक – डॉ श्री रामप्रसाद जी महाराज।
प्रेषक – सुभाष सारस्वा काकड़ा।
9024909170