रघुवर जी थारी सूरत,
प्यारी लागे म्हारा राम,
उमराव बन्ना सूरत प्यारी,
लागे मोरा श्याम।bd।
शीश किलंगी पागड़ी,
रत्न जड़ित सिर पैंच,
कुण्डल झलकत कान में,
ले सबको मन खैंच,
रघुनन्दन थारी चितवन,
प्यारी लागे मोरा श्याम।bd।
गल कंठो हीरो जड्यो,
गल मोतियन की माल,
बिंटी में हरी कांगन्नी,
शोभा बनी है रसाल,
सियावर जी थारो लटको,
प्यारी लागे मोरा श्याम।bd।
अचकन झिलमिल कर रही,
दे रही अजब बहार,
दुपट्टो जरि की बैल को,
झलकत कोर किनार,
Bhajan Diary Lyrics,
दशरथ सूत थारी चलगत,
प्यारी लागे मोरा श्याम।bd।
रघुवर जी थारी सूरत,
प्यारी लागे म्हारा राम,
उमराव बन्ना सूरत प्यारी,
लागे मोरा श्याम।bd।
स्वर – श्री मुरलीधर जी महाराज।