रख लो ना बाबा मुझे,
चरणों की छाँव में,
मैं तो बस जाऊं,
मैं तो बस जाऊं,
श्याम बाबा तेरे गाँव में,
रख लों ना बाबा मुझे,
चरणों की छाँव में।।
श्याम श्याम मेरे श्याम,
मान मान मेरी मान।
नित तेरा नया श्रृंगार सजाऊंगा,
माखन और मिश्री का भोग लगाऊंगा,
पलके बिछाए,
पलके बिछाए रहूँ श्याम तेरे चाव में,
रख लों ना बाबा मुझे,
चरणों की छाँव में।।
श्याम श्याम मेरे श्याम,
मान मान मेरी मान।
भोर भोर भजनों से तुझको जगाऊंगा,
नाच नाच श्याम बाबा तुझको रिझाऊंगा,
घुंगरू बंधा दे,
घुंगरू बंधा दे श्याम बाबा मेरे पाँव में,
रख लों ना बाबा मुझे,
चरणों की छाँव में।।
श्याम श्याम मेरे श्याम,
मान मान मेरी मान।
बदले में श्याम तुमसे इतना मैं चाहूँ,
हरपल बाबा तेरी सेवा में बिताऊ,
बुरा तो नहीं है,
बुरा तो नहीं है ‘पप्पू शर्मा’ इस भाव में,
रख लों ना बाबा मुझे,
चरणों की छाँव में।।
श्याम श्याम मेरे श्याम,
मान मान मेरी मान।
रख लो ना बाबा मुझे,
चरणों की छाँव में,
मैं तो बस जाऊं,
मैं तो बस जाऊं,
श्याम बाबा तेरे गाँव में,
रख लों ना बाबा मुझे,
चरणों की छाँव में।।
स्वर – पप्पू जी शर्मा खाटू वाले।