राख शरण गिरधारी साँवरे,
मैं बिना मोल को चेरो,
हरी मैं जैसो तेसो तेरो,
श्याम मैं जैसो तेसो तेरो।।
– श्लोक –
आप ठुकराओगे तो प्यारे,
हम और कहाँ फिर जाएंगे,
छान कर ख़ाक ज़माने भर की,
फिर लौट यहीं पर आएँगे।
नीच अधम कामी कुटिल,
अरे जैसो हूँ मैं तोए,
नीज चरणन में राखिए,
मोहे नटवर नन्द किशोर।
नटवर नन्द किशोर मेरे,
प्राणो से प्यारे,
छोड़ जगत का मोह मैं,
पड़ा तेरे द्वारे।
यार कोई नहीं मिले मुझे,
इस भव सागर के बिच,
दाता अपना लो अभी,
हरी मैं अधम अति हूँ नीच।
– भजन –
राख शरण गिरधारी साँवरे,
मैं बिना मोल को चेरो,
हरी मैं,
श्याम मैं,
नाथ मैं,
जैसो तेसो तेरो,
हरी मैं जैसो तेसो तेरो,
श्याम मैं जैसो तेसो तेरो।।
दिन भी भूलें रैन भी भूलूँ,
भूल जाऊँ जग सारा,
भूल जाऊँ जग सारा,
तोहे ना भूलूँ कुंवर कन्हैया,
चाकर दास तुम्हारा,
चाकर दास तुम्हारा,
तन भी तेरो मन भी तेरो,
मैं बिना मोल को चेरो,
हरी मैं,
श्याम मैं,
नाथ मैं,
जैसो तेसो तेरो,
हरी मैं जैसो तेसो तेरो,
श्याम मैं जैसो तेसो तेरो।।
निर्बल के बल सुने नाथ मैं,
तब तेरे द्वार पे आया,
तब तेरे द्वार पे आया,
तेरी कृपा हो जाए सांवरे,
सफल बने ये काया,
सफल बने ये काया,
नष्ट हो पाप ताप सब मेरो,
मैं बिना मोल को चेरो,
हरी मैं,
श्याम मैं,
नाथ मैं,
जैसो तेसो तेरो,
हरी मैं जैसो तेसो तेरो,
श्याम मैं जैसो तेसो तेरो।।
आशा और विश्वास रहेगी,
होगा दरश तुम्हारा,
होगा दरश तुम्हारा,
पगला मन फिर भी ये बोले,
जो है श्याम सहारा,
जो है श्याम सहारा,
राख शरण गिरधारी साँवरे,
कष्ट माफ़ हो मेरो,
हरी मैं,
श्याम मैं,
नाथ मैं,
जैसो तेसो तेरो,
हरी मैं जैसो तेसो तेरो,
श्याम मैं जैसो तेसो तेरो।।
राख शरण गिरधारी साँवरे,
मैं बिना मोल को चेरो,
हरी मैं,
श्याम मैं,
नाथ मैं,
जैसो तेसो तेरो,
हरी मैं जैसो तेसो तेरो,
श्याम मैं जैसो तेसो तेरो।।