राम जी के संग हनुमाना,
मेरे घर में आना,
आकर के फिर नहीं जाना,
मुझे दरश दिखाना,
राम जी के संग हनूमाना,
मेरे घर में आना।।
तर्ज – घर में पधारों गजानंद जी।
तुमने विभीषण को मिलवाया,
तुमने विभीषण को मिलवाया,
राम जी से हमें भी मिलवाना,
मेरे घर में आना,
राम जी के संग हनूमाना,
मेरे घर में आना।।
तुमको रटी है प्रभु रामायण,
तुमको रटी है प्रभु रामायण,
चौपाई हमें भी सुनाना,
मेरे घर में आना,
राम जी के संग हनूमाना,
मेरे घर में आना।।
सालासर वाले तुम घाटे वाले,
सालासर वाले तुम घाटे वाले,
हमें भी रूप वो दिखाना,
मेरे घर में आना,
राम जी के संग हनूमाना,
मेरे घर में आना।।
सब देवो को संग में लाना,
सब देवो को संग में लाना,
बूंदी का भोग लगाना,
मेरे घर में आना,
राम जी के संग हनूमाना,
मेरे घर में आना।।
राम जी के संग हनुमाना,
मेरे घर में आना,
आकर के फिर नहीं जाना,
मुझे दरश दिखाना,
राम जी के संग हनूमाना,
मेरे घर में आना।।
स्वर – कनिष्का नेगी।