राम का नाम है एक नगीना,
अवध अंगूठी में जड़ दीना,
मन में बसे सियाराम हमारे,
अमृत रस भर भर है पीना।।
तर्ज – और इस दिल में।
रामायण के किस्से,
सुने थे लोगों से,
रामायण क्या होती,
ये हमने है जाना,
चौपाई छंद सोरठ।
दोहे ऐसे जैसे,
प्रभु की लीला को,
जैसे पहचाना,
दिल में जैसे राम लखन,
दिल हो गया दिवाना,
दिल हो गया दिवाना,
दीवानों ने मन मंदिर में,
राम का नाम लिखा रखा है।।
निगाहों में मेरी,
प्रभु सुरत तेरी,
जिन्दगी ये मेरी,
दिवानी है तेरी,
धड़क के सीने में,
भक्ति यूं है तेरी,
जिंदगी ये मेरी,
दया बस है तेरी,
तेरे सिवा कुछ याद नहीं है,
तू ही तू दिल में,
प्रभु तु ही तू दिल में,
दिल ने राम की पूजा की है,
मन में राम बसा रखा है।।
राम का नाम है एक नगीना,
अवध अंगूठी में जड़ दीना,
मन में बसे सियाराम हमारे,
अमृत रस भर भर है पीना।।
गायक – गजेंद्र आंजना सिंगारपुर।
9926071321