राम नाम अलबेला,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां,
राम नाम अलबेलां,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां।।
राम नाम कहूं मोल बिके ना,
मोल बिके न मोल बिके ना,
पैसा लगे ना धेला,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां,
राम नाम अलबेलां,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां।।
काहे माया मोह में लागो,
मोह में लगो हां मोह में लागो,
झूठइ सबई झमेला,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां,
राम नाम अलबेलां,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां।।
दुनियादारी साथ ना देहे ,
साथ ना देहे हां साथ ना देहे,
जाने पड़े है अकेला,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां,
राम नाम अलबेलां,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां।।
राम से प्रीत लगा ‘स्नेही’,
लगा ‘स्नेही’ लगा ‘स्नेही’,
छोड़के जग को मेला,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां,
राम नाम अलबेलां,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां।।
राम नाम अलबेला,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां,
राम नाम अलबेलां,
भजो रे मन,
राम नाम अलबेलां।।
लेखक / प्रेषक – श्री नारायण सिंह लोधी “स्नेही”
इन्द्राना मझौली जबलपुर म.प्र.
+91 98938 38473