राम नाम ही सत्य है केवल,
राम का गुणगान करो,
भूल के इस झूठे जग को इक,
पल तो राम का ध्यान धरो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो।।
तर्ज – कसमे वादे प्यार वफ़ा।
जितना चमका ना है चमका,
तन मिट्टी ही होना है,
कुछ चन्दन की लकड़ी आखिर,
बस तेरा ही बिछोना है,
हाड़ मांस की काया है ये,
इस पर ना अभिमान करो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो।।
मृगतृष्णा की तरह पगले,
किसकी खोज में भटक रहा,
क्षण भंगुर जीवन है तेरा,
किसमे मन ये अटक रहा,
रह जाएगा धरा यहीं पर,
काम क्रोध ना मान करो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो।।
राम नाम ही साथ चलेगा,
जब तू मरघट जाएगा,
इस दुनिया का हर एक प्यारा,
दूर खड़ा रह जाएगा,
केवल इतना सत्य है ‘शर्मा’,
सत्य से ना अनजान बनो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो।।
राम नाम ही सत्य है केवल,
राम का गुणगान करो,
भूल के इस झूठे जग को इक,
पल तो राम का ध्यान धरो,
राम नाम हीं सत्य हैं केवल,
राम का गुणगान करो।।
स्वर – संजय गुलाटी जी।