राम नाम जपते है,
मस्ती में रहते है,
देव है ये सबसे निराला,
इसे कहते हैं बजरंगबाला,
ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला।।
मंगल को जन्मे है मंगल ही करते,
शुक्र और शनि जिनका पानी है भरते,
राम का दीवाना है,
कहता ये जमाना है,
देव है ये सबसे निराला,
इसे कहते हैं बजरंगबाला,
ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला।।
नारियल हो के साथ सवा रुपैया,
भेंट जो चढ़ाए पार कर देते नैया,
बिगड़ी ये बनाते है,
गले से लगाते है,
ऐसे है अंजनी के लाला,
इसे कहते हैं बजरंगबाला,
ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला।।
सिर पे मुकुट कुण्डल कानो में सोहे,
झांकी निराली जो भक्तों को मोहे,
बाँध के लंगोटा जो,
लेके हाथ सोटा जो,
दुष्टों का मुंह करते काला,
इसे कहते हैं बजरंगबाला,
ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला।।
जानकी के प्यारे है अंजनी के दुलारे है,
कलयुग में हमसब भक्तों के सहारे है,
राम का दीवाना है,
कहता जमाना है,
‘नरसी’ को तुमने संभाला,
इसे कहते हैं बजरंगबाला,
ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला।।
राम नाम जपते है,
मस्ती में रहते है,
देव है ये सबसे निराला,
इसे कहते हैं बजरंगबाला,
ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला।।
गायक – प्रमोद त्रिपाठी जी।
Bahut achha