राम नाम की लूट मची है,
लूट लो राम के नाम को,
हाथ जोड़कर सर को झुकाओ,
नमन करो सुखधाम को।।
तर्ज – हमदम मेरे मान भी जाओ।
श्रद्धा के भूखे प्रभु,
प्यासे भावो के,
रक्षा करेंगे रक्षक है,
डूबती नावों के,
रिझालो इनको तुम,
मना लो इनको तुम,
मिटा देंगे ये गम उनके,
पुकारे इनको जो दिल से,
दौड़ पड़ेंगे जब भी पुकारो,
देकर प्यार के दाम को,
हाथ जोड़कर सर को झुकाओ,
नमन करो सुखधाम को।।
राम नाम से हो पावन,
मन का हर कोना,
जैसे पारस लोहे को,
कर देता सोना,
सभी संकट कटे,
घटा गम की छटे,
प्रभु के चरणों मे बैठो,
जरा सा ध्यान लगाओ तुम,
राम नाम है सबसे साँचा,
जपलो तुम इस नाम को,
हाथ जोड़कर सर को झुकाओ,
नमन करो सुखधाम को।।
भक्तो पर जब भीड़ पड़ी,
बड़ा है जब जब पाप,
आये धरती पर प्रभु,
काटने सब सन्ताप,
जपो बस राम नाम,
बनेंगे बिगड़े काम,
किरपा जब इनकी हो जाये,
तो कलिया सुख की खिल जाए,
राम बिकेंगे तुम जो खरीदो,
दे कर प्यार के दाम को,
हाथ जोड़कर सर को झुकाओ,
नमन करो सुखधाम को।।
राम नाम की लूट मची है,
लूट लो राम के नाम को,
हाथ जोड़कर सर को झुकाओ,
नमन करो सुखधाम को।।
गायक / प्रेषक – विक्की सदावर्तिया।
9356488811