राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,
राम नाम के सिवा साथ ना,
जाएं फूटी कौड़ी,
जय श्री राम, जय श्री राम,
जय श्री राम, जय श्री राम।।
राम नाम धन जो तू यहां कमाएगा,
कभी ना भूलो काम वहां वो आएगा,
अगर राम से प्यार नहीं है,
कुछ तेरा उस पार नहीं है,
जन्म ही लेती फिरेगी फिर ये,
तेरी रूह निगोड़ी,
जय श्री राम, जय श्री राम,
जय श्री राम, जय श्री राम।।
लोग तुझे बस मरघट तक ले जायेंगे,
चाहने वाले दो आंसू ढलकाएंगे,
कोई ना तेरे संग चलेगा,
चिता में हर एक अंग जलेगा,
जिस दिन क्रूर काल की,
सिर पे आकर गिरे हथौड़ी,
जय श्री राम, जय श्री राम,
जय श्री राम, जय श्री राम।।
मानवता भी रहे तुम्हारे सिने में,
सबमे देखो राम मजा फिर जीने में,
राम नाम रस जी भर पि ले,
मत होने दे बंधन ढीले,
ऐसी बांधो गाँठ प्रीत की,
जाए ना कभी तोड़ी,
जय श्री राम, जय श्री राम,
जय श्री राम, जय श्री राम।।
क्यों सुख ढूंढ रहे हो आप जमाने में,
गंगाजल नहीं मिलता है मैखाने में,
सच्चा सुख श्री राम शरण में,
उसके ही गुण यश वर्णन में,
‘गजेसिंह’ ने भजनों में,
भक्ति की बूंद निचोड़ी,
जय श्री राम, जय श्री राम,
जय श्री राम, जय श्री राम।।
राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,
राम नाम के सिवा साथ ना,
जाएं फूटी कौड़ी,
जय श्री राम, जय श्री राम,
जय श्री राम, जय श्री राम।।
गायक – श्री नरेश नरसी जी।
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