राम नाम तू ले ले बन्दे,
यही तो तारण वाला है,
दो शब्द री नाव बना ले,
और कर ले भव जल पारा रे ओ जी।।
बाल अवस्था खेल में खोयो,
भरी जवानी मन मोयो रे,
आयो बुढ़ापे कोई नी सहारो,
अब रहियो एक सहारो हे ओ जी।।
धरम कमाई कर ले बन्दे,
कुछ न आवन वाला हे,
साँचा करम री बांद गाठरी,
और कर ले भव जल पारा रे ओ जी।।
कर गुरु प्रभु दर्शन होंगे,
भज ले प्रभु नाम रे,
बिना गुरु के कोई पार न होयो,
कैसे होव भाव पारा रे ओ जी।।
शेर नाथ गुरु पूरा मिलिया,
साँची राह बताई रे,
धरम राज चरना रो चेलो,
होवेला भव जल पारा हे ओ जी।।
राम नाम तू ले ले बन्दे,
यही तो तारण वाला है,
दो शब्द री नाव बना ले,
और कर ले भव जल पारा रे ओ जी।।
गायक / लेखक – धर्मेंद्र तंवर।
9829202569,7976835731